Virat Quit Captaincy: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में सबसे पसंदीदा टीमों में से एक रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर(RCB) की टीम अब तक अपने खिताब जीतने के सपने को पूरा नहीं कर सकी। इस टीम में एक से एक स्टार क्रिकेटर्स खेले, लेकिन इनमें से कोई अपनी टीम के फैंस की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सके। आरसीबी(RCB) के लिए कईं दिग्गजों ने कमान संभाली जिसमें एक नाम जिसे कोई नहीं भूल सकता है वो हैं विराट कोहली(VIRAT KOHLI)… ये जांबाज कप्तान भी इस टीम की झोली में ट्रॉफी नहीं डाल सका।
Virat Quit Captaincy: विराट कोहली अपनी कप्तानी में आरसीबी को नहीं दिला सके ताज
भारतीय क्रिकेट टीम (INDIAN CRICKET TEAM) को अपनी कप्तानी में नईं ऊंचाईयों तक पहुंचानें में कामयाब रहे विराट कोहली ने आईपीएल में आरसीबी के लिए 8 साल तक नेतृत्व किया, लेकिन वो उस तिलिस्म को नहीं तोड़ सके जो सालों से अबूझ पहेली बन गई है। विराट कोहली की कप्तानी में आरसीबी ने 2016 में जरूर फाइनल तक का सफर तय किया, लेकिन 2017 और 2019 में वो अंतिम पायदान पर भी रहे।
आखिर क्यों छोड़ी विराट ने कप्तानी, इस राज से अब हटाया पर्दा
आखिरकार विराट कोहली ने एक मैराथन कप्तानी के सफर को 2021 में विराम लगा दिया, जब उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की कप्तानी में अपने कदम पीछे कर लिए। और किसी दूसरे कप्तान की लीडरशिप में खेलने का फैसला किया। आखिरकार विराट कोहली ने कप्तानी से अपने हाथ क्यों पीछे किए, क्यों आरसीबी का लीडर के रूप में साथ छोड़ा जो अब तक फैंस के लिए राज ही था, लेकिन इस राज से अब पर्दा हट गया है, जो खुद विराट कोहली ने पर्दा हटाया है।
खुद पर से ‘भरोसा’ उठा और ‘जज्बे’ में कमी की वजह से छोड़ी कप्तानी
टीम इंडिया की कप्तानी छोड़ने के कुछ ही महीनों बाद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की कप्तानी छोड़ने को लेकर विराट कोहली ने चुप्पी तोड़ी है, उन्होंने कप्तानी से हटने के करीब 2 साल बाद इसकी वजह बतायी, जिसमें उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनका खुद पर से ‘भरोसा’ उठ गया था और कप्तानी के ‘जज्बे’ में कमी आ गई थी।
मुंबई में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले पहले वनडे मैच को लेकर पहुंचने के बाद वो रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की महिला टीम से मिले। इस दौरान उन्होंने महिला टीम को प्रेरित करते हुए कईं बातें की। इसी दौरान उन्होंने कप्तानी छोड़ने की वजह का भी खुलासा कर दिया। इस दिग्गज खिलाड़ी ने कहा कि,
“जिस समय मेरी कप्तानी का कार्यकाल खत्म हो रहा था, ईमानदारी से कहूं तो मुझे खुद पर ज्यादा भरोसा नहीं था। इसे लेकर मेरे अंदर कोई जज्बा नहीं बचा था।“
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कप्तानी को लेकर खत्म होने लगा मेरा उत्साह
इसके बाद उन्होंने आगे कहा कि ‘‘वह हालांकि मेरा अपना नजरिया था, एक व्यक्ति के तौर पर मैं खुद से कह रहा था कि मैंने काफी उतार-चढ़ाव झेले हैं अब इसे और नहीं संभाल सकता हूं।“
आरसीबी के पूर्व कप्तान ने 2019 के सीजन में आखिरी पायदान पर रहने को लेकर कहा कि, ‘‘ अगले सत्र (2020) में टीम में नये खिलाड़ी जुड़े, उनके पास नये विचार थे और यह एक और मौके की तरह था. वे काफी रोमांचित थे, व्यक्तिगत तौर पर हो सकता है कि मैं उतना उत्साहित नहीं था लेकिन उनकी सकारात्मक ऊर्जा से हम लगातार तीन साल प्लेऑफ में पहुंचे।“
टीम को सफलता दिलाने की होती है सामुहिक जिम्मेदारी
कोहली ने आगे कहा कि,‘‘
हम हर सत्र की शुरुआत उसी उत्साह के साथ करते हैं जो पहले था। मैं अब भी उत्साहित महसूस कर रहा हूं। टीम को सफलता दिलाना एक सामूहिक जिम्मेदारी है, अगर किसी के आत्मविश्वास में कमी होती है तो दूसरे खिलाड़ी उसका हौसला बढ़ाते हैं।“